March Meaning in Hindi: जानिए March Month का इतिहास, महत्व और रोचक तथ्य!

March Meaning in Hindi: जानिए March Month का इतिहास, महत्व और रोचक तथ्य!

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मार्च (March) साल का तीसरा महीना है और यह कई महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रतीक है। इस महीने में मौसम बदलता है, नए सत्र की शुरुआत होती है, और कई त्योहार मनाए जाते हैं। इसके अलावा, मार्च को इतिहास और खगोलीय दृष्टि से भी खास माना जाता है।

मार्च नामकरण का इतिहास

मार्च का नाम रोमन युद्ध के देवता “Mars” के नाम पर रखा गया है। प्राचीन रोमन कैलेंडर में यह साल का पहला महीना हुआ करता था। यह वह समय था जब ठंड के बाद वसंत की शुरुआत होती थी, और सैनिक युद्ध अभियानों के लिए निकलते थे। इस कारण इसे युद्ध और शक्ति का महीना भी कहा जाता था।

मार्च महीने का महत्व

मार्च का महीना भारत और दुनिया भर में कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है। इस महीने में:

  • परीक्षाओं और नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती है।
  • वित्तीय वर्ष का समापन और नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है।
  • मौसम बदलता है और वसंत ऋतु का आगमन होता है।
  • होली, महाशिवरात्रि, और महिला दिवस जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।

मार्च का खगोलीय महत्व

मार्च में वसंत विषुव (Spring Equinox) होता है, जब दिन और रात बराबर होते हैं। इस खगोलीय घटना के कारण यह महीना प्रकृति और संतुलन का प्रतीक बन जाता है।

इसका नाम रोमन युद्ध देवता “Mars” के नाम पर रखा गया है।

होली, महाशिवरात्रि, महिला दिवस (International Women’s Day) आदि।

मार्च से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

मार्च का पहला दिन “World Compliment Day” के रूप में मनाया जाता है।

मार्च का प्रतीक फूल “Daffodil” है, जो नई शुरुआत और खुशहाली का संकेत देता है।

इस महीने को “Women’s History Month” के रूप में भी मनाया जाता है।

रोमन कैलेंडर में यह पहला महीना था, लेकिन अब यह तीसरा महीना है।

निष्कर्ष

March सिर्फ एक महीना नहीं है, बल्कि यह नये बदलावों और नई शुरुआत का प्रतीक है। इसका नाम युद्ध के देवता Mars के नाम पर रखा गया था, जो शक्ति और नये सफर की ओर इशारा करता है। भारत में यह महीना परीक्षाओं, त्योहारों और वित्तीय वर्ष की समाप्ति के लिए खास महत्व रखता है।

तो अगली बार जब March आए, तो इसे सिर्फ एक और महीना समझने के बजाय इसके महत्व और इतिहास को भी याद करें।

Deepak Sundriyal

मेरा नाम दीपक सुन्द्रियाल है। मैं अल्मोड़ा के एक छोटे से गाँव से आता हूँ। अपनी पढ़ाई मैंने अपने गाँव से ही पूरी की है। अब मैं दिल्ली की भीड़भाड़ में अपने सपनों को पूरा करने में लगा हूँ। लेकिन आज भी मेरी कहानियों में मेरा पहाड़, मेरी पहाड़ी ज़िंदगी और वहाँ की सादगी बसी हुई है। मैं आज भी हर दिन अपनी लिखी पंक्तियों के ज़रिए अपने गाँव को जीता हूँ।
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