बानड़ी देवी मंदिर: एक बार यहाँ जरूर जाना चाहिए!-banari devi temple in hindi

बानड़ी देवी मंदिर: एक बार यहाँ जरूर जाना चाहिए!-banari devi temple in hindi

बानड़ी देवी मंदिर अल्मोड़ा

अगर आप उत्तराखंड की यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं या फिर अल्मोड़ा के आसपास हैं, तो बानड़ी देवी मंदिर को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। ये सिर्फ एक मंदिर नहीं है, बल्कि श्रद्धा, आस्था और इतिहास का एक अद्भुत संगम है। यहाँ का माहौल, आसपास की खूबसूरत पहाड़ियाँ और माता का दिव्य आशीर्वाद—सबकुछ एकदम खास है।

अब आप सोच रहे होंगे कि ये मंदिर इतना खास क्यों है? तो चलिए, मैं आपको इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें और इसे विजिट करने के सॉलिड रीजन बताता हूँ।

उत्तराखंड की पवित्र भूमि अनेक धार्मिक स्थलों का केंद्र रही है। इन्हीं आध्यात्मिक स्थलों में से एक बानड़ी देवी मंदिर है, जो अल्मोड़ा जिले के घने जंगलों के बीच स्थित है। यह मंदिर माँ विंध्यवासिनी देवी को समर्पित है और अपनी अद्भुत मान्यताओं, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। श्रद्धालु यहाँ माता के दर्शन करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूर-दूर से आते हैं।

बानड़ी देवी मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। यह मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 25 किमी दूर सिलखोड़ा गाँव में, अल्मोड़ा-लमगड़ा मार्ग पर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है।

यह स्थान अपने घने बांज के जंगलों और शांत वातावरण के कारण भक्तों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको संकरी पहाड़ी सड़कों से गुजरना होगा, लेकिन रास्ते के सुंदर नज़ारे आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे।

बानड़ी देवी मंदिर कहाँ स्थित है?

बानड़ी देवी मंदिर अल्मोड़ा के सिलखोड़ा गाँव में स्थित है। यह मंदिर अल्मोड़ा शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर और लमगड़ा मार्ग पर एक पहाड़ी की ऊँचाई पर स्थित है। इस स्थान तक पहुँचने के लिए आपको सुंदर पहाड़ी रास्तों से होकर जाना होगा, जो यात्रा को और भी रोमांचक बनाता है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको न सिर्फ आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा, बल्कि प्रकृति के अद्भुत दृश्य भी देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुँचें बानड़ी देवी मंदिर?

  1. रेलवे स्टेशन: काठगोदाम रेलवे स्टेशन, जो मंदिर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है, यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। आप टैक्सी या बस से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  2. एयरपोर्ट: पंतनगर एयरपोर्ट, जो लगभग 127 किलोमीटर दूर है, यहाँ का नजदीकी हवाई अड्डा है।
  3. सड़क मार्ग: अल्मोड़ा से लमगड़ा मार्ग होते हुए आप आसानी से बानड़ी देवी मंदिर पहुँच सकते हैं। रास्ते में आपको घने जंगलों और पहाड़ी दृश्य दिखाई देंगे, जो यात्रा को और भी रोमांचक बना देंगे।

मंदिर की खासियत और यहाँ जाने के कारण

अब सोच रहा होगा कि भाई, यहाँ जाकर मिलेगा क्या? तो ये देख:

  • पिंडी स्वरूप में माँ बानड़ी देवी: यहाँ माता वैष्णो देवी की तरह पिंडी रूप में विराजमान हैं।
  • शुद्ध वातावरण और पहाड़ी जंगल: मंदिर चारों ओर से घने बांज के जंगलों से घिरा है, जिससे यहाँ का माहौल एकदम शांत और पॉजिटिव लगता है।
  • नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने की परंपरा: भक्तजन 9 दिनों तक अखंड दीपक जलाते हैं और माँ से अपनी मनोकामना माँगते हैं।
  • सोने-चाँदी का छत्र चढ़ाने की परंपरा: जिनकी मन्नतें पूरी होती हैं, वे माता को सोने या चाँदी का छत्र चढ़ाते हैं।
  • पर्यटकों के लिए भी बेस्ट स्पॉट: अगर तू घूमने-फिरने का शौकीन है, तो यहाँ के पहाड़ी रास्ते और हरियाली एकदम दिल खुश कर देंगे।

राजा और चमत्कारी गाय की कहानी:

एक मान्यता के अनुसार, कत्यूरी राजा की गाय प्रतिदिन जंगल में जाकर अपने दूध से एक विशेष स्थान का अभिषेक करती थी। जब राजा को इस घटना के बारे में पता चला, तो उन्होंने वहाँ खुदाई करवाई और देखा कि वहाँ माँ विंध्यवासिनी की पिंडी प्रकट हुई। उसी स्थान पर उन्होंने माता का मंदिर बनवाया।

पुजारी और माँ का आह्वान:

एक अन्य कहानी के अनुसार, एक पुजारी ने चंपावत जिले में स्थित बाराही देवी मंदिर में माँ विंध्यवासिनी का आह्वान किया, लेकिन पूजा के बाद माता का विधिवत विसर्जन करना भूल गया। जब पुजारी घर लौट रहा था, तो उसे एक छोटी कन्या के रूप में माता का स्वरूप दिखा। माता ने पुजारी को बताया कि उसे बुलाया तो गया, लेकिन विसर्जन नहीं किया गया। इसके बाद माता उसी स्थान पर पिंडी रूप में प्रकट हुईं और बानड़ी देवी मंदिर की स्थापना हुई।

क्यों जाना चाहिए बानड़ी देवी मंदिर?

  • आध्यात्मिक शांति: अगर आप मानसिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो यह मंदिर एक आदर्श स्थान है।
  • प्राकृतिक सुंदरता: मंदिर का चारों ओर का दृश्य बहुत ही मनमोहक है। यहाँ के घने जंगल, पहाड़ और शांत वातावरण आपको शांति प्रदान करते हैं।
  • ट्रैकिंग और एडवेंचर: बानड़ी देवी मंदिर के पास ट्रैकिंग के बहुत अच्छे मार्ग हैं। अगर आप साहसिक गतिविधियों के शौकिन हैं, तो यह स्थान आपके लिए आदर्श है।

यात्रा के लिए जरूरी टिप्स!

  • आरामदायक कपड़े और अच्छे जूते पहनकर आना, क्योंकि मंदिर पहाड़ी पर स्थित है।
  • कैमरा लाना मत भूलना! यहाँ की सुंदरता देखने लायक होती है।
  • मंदिर परिसर को साफ-सुथरा रखो, कूड़ा फेंकने से बचो।
  • अगर नवरात्रि के दौरान आ रहे हो, तो पहले से होटल बुक कर लेना, क्योंकि इस दौरान भारी भीड़ होती है।

नजदीकी पर्यटन स्थल

  • चितई गोलू मंदिर: अल्मोड़ा से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित चितई गोलू मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ के गोलू देवता की पूजा होती है।
  • कसार देवी मंदिर: यह मंदिर भी अल्मोड़ा शहर के पास स्थित है और यहाँ के दर्शनीय स्थल आपको आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं।
  • नैनीताल: बानड़ी देवी मंदिर से नैनीताल लगभग 65 किलोमीटर दूर है, जो अपनी खूबसूरत झीलों और हरे-भरे परिवेश के लिए प्रसिद्ध है।

तो भाई, कब जा रहे हो बानड़ी देवी मंदिर?

देखो, अगर सच में एक पॉजिटिव और दिव्य एनर्जी महसूस करनी है, तो बानड़ी देवी मंदिर जरूर जाना चाहिए। ये सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थान है जो शांति, भक्ति और प्रकृति तीनों का संगम है।

तो बस, तैयारी करो, बैग पैक करो और माता के दर्शन करने निकल पड़ो!

अगर आप पहले ही यहाँ जा चुका है, तो अपने एक्सपीरियंस कमेंट में जरूर शेयर कर!

Deepak Sundriyal

मेरा नाम दीपक सुन्द्रियाल है। मैं अल्मोड़ा के एक छोटे से गाँव से आता हूँ। अपनी पढ़ाई मैंने अपने गाँव से ही पूरी की है। अब मैं दिल्ली की भीड़भाड़ में अपने सपनों को पूरा करने में लगा हूँ। लेकिन आज भी मेरी कहानियों में मेरा पहाड़, मेरी पहाड़ी ज़िंदगी और वहाँ की सादगी बसी हुई है। मैं आज भी हर दिन अपनी लिखी पंक्तियों के ज़रिए अपने गाँव को जीता हूँ।