भिमल का पेड़ और भिमल से शैम्पू बनाने का तरीका-Bhimal ka ped in hindi

भिमल का पेड़ और भिमल से शैम्पू बनाने का तरीका-Bhimal ka ped in hindi

भिमल का पेड़ और भिमल से शैम्पू:

क्या आप अपने बालों के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित शैम्पू की तलाश में हैं? भिमल का पेड़ उत्तराखंड और हिमाचल के जंगलों में पाया जाने वाला एक बहुपयोगी पेड़ है। इसकी छाल और पत्तियां आयुर्वेदिक रूप से लाभकारी मानी जाती हैं। खासतौर पर, भिमल से बना शैम्पू बालों की देखभाल के लिए एक उत्तम प्राकृतिक विकल्प है।

इस लेख में, हम जानेंगे भिमल के पेड़ के फायदे, भिमल से शैम्पू बनाने की विधि, और इसके बालों पर प्रभाव

भिमल का पेड़ क्या है?

भिमल को उत्तराखंड और हिमाचल में कई नामों से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Grewia optiva है। यह पेड़ मध्यम आकार का होता है और इसकी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग की जाती हैं।

भिमल के मुख्य उपयोग:

  • पशुओं के लिए चारा: इसकी पत्तियां पोषण से भरपूर होती हैं।
  • लकड़ी का उपयोग: हल्की और मजबूत लकड़ी होने के कारण घरेलू फर्नीचर और औजारों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • औषधीय गुण: भिमल की छाल पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोगी मानी जाती है।
  • प्राकृतिक शैम्पू: इसकी छाल से झागदार और केमिकल-फ्री शैम्पू बनाया जाता है।

भिमल से शैम्पू बनाने के फायदे

1. बालों को मजबूत बनाए

भिमल में प्राकृतिक पोषक तत्व होते हैं जो बालों की जड़ों को मजबूत करते हैं। इसका उपयोग बालों को झड़ने से बचाता है।

2. डैंड्रफ से छुटकारा दिलाए

इसकी छाल में मौजूद एंटी-फंगल गुण स्कैल्प से डैंड्रफ हटाने में मदद करते हैं।

3. स्कैल्प को साफ करे

भिमल शैम्पू अतिरिक्त तेल और गंदगी को हटाकर स्कैल्प को ताजगी देता है

4. बालों में प्राकृतिक चमक लाए

इसके उपयोग से बालों में सिल्की और नैचुरल ग्लो आता है।

5. असमय सफेदी रोके

भिमल में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो बालों के समय से पहले सफेद होने से बचाते हैं

घर पर भिमल से शैम्पू कैसे बनाएं?

आवश्यक सामग्री:

  • भिमल की छाल – 5-6 टहनियां
  • पानी – 2 लीटर
  • रीठा – 2-3 (झाग बढ़ाने के लिए)
  • आंवला – 2-3 टुकड़े (बालों की मजबूती के लिए)
  • शिकाकाई – 2-3 टुकड़े (नेचुरल कंडीशनर के लिए)

बनाने की विधि:

  • भिमल की छाल निकालें – टहनियों को काटकर उनकी छाल निकालें।
  • पानी में उबालें – एक बड़े बर्तन में 2 लीटर पानी लें और उसमें भिमल की छाल डालें।
  • 20-30 मिनट पकाएं – उबालने पर झाग बनने लगेगा।
  • छानकर ठंडा करें – मिश्रण को छानकर स्टोर करें।
  • शैम्पू तैयार है! – इसे बालों पर लगाएं और 5-10 मिनट तक मसाज करें, फिर धो लें।

टिप: अधिक झाग के लिए रीठा और शिकाकाई डाल सकते हैं।

भिमल शैम्पू के सही उपयोग के तरीके

  • बालों को हल्का गीला करें।
  • हथेली में थोड़ी मात्रा लें और स्कैल्प पर लगाएं।
  • 5-10 मिनट तक मसाज करें।
  • साफ पानी से धो लें।
  • हफ्ते में 2-3 बार उपयोग करें।

अन्य उपयोग

  • फाइबर उत्पादन: भिमल की छाल से मजबूत फाइबर बनता है, जिससे रस्सियां बनाई जाती हैं।
  • लकड़ी का उपयोग: हल्की और टिकाऊ लकड़ी से फर्नीचर और औजार बनाए जाते हैं।
  • औषधीय लाभ: इसकी छाल का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है।

भिमल से शैम्पू बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • ताजी छाल का उपयोग करें ताकि शैम्पू अधिक प्रभावी हो।
  • पहले पैच टेस्ट करें ताकि एलर्जी का पता चल सके।
  • इसे स्टोर न करें। हमेशा ताजा शैम्पू बनाकर ही उपयोग करें।

निष्कर्ष

भिमल का पेड़ सिर्फ एक साधारण वृक्ष नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि है। इससे बना शैम्पू बालों को स्वस्थ रखता है और आपको केमिकल युक्त उत्पादों से बचाता है। अगर आप नेचुरल हेयर केयर अपनाना चाहते हैं, तो भिमल शैम्पू एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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Deepak Sundriyal

मेरा नाम दीपक सुन्द्रियाल है। मैं अल्मोड़ा के एक छोटे से गाँव से आता हूँ। अपनी पढ़ाई मैंने अपने गाँव से ही पूरी की है। अब मैं दिल्ली की भीड़भाड़ में अपने सपनों को पूरा करने में लगा हूँ। लेकिन आज भी मेरी कहानियों में मेरा पहाड़, मेरी पहाड़ी ज़िंदगी और वहाँ की सादगी बसी हुई है। मैं आज भी हर दिन अपनी लिखी पंक्तियों के ज़रिए अपने गाँव को जीता हूँ।