उत्तराखंड का भूतिया घर: एक सच्ची कहानी-Bhutiya Ghar

उत्तराखंड का भूतिया घर: एक सच्ची कहानी-Bhutiya Ghar

bhutiya ghar
the image created by https://www.freepik.com/

उत्तराखंड के खूबसूरत पहाड़ों में बसा चंपावत गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग अपने जीवन को सादगी और खुशियों के साथ जीते हैं। लेकिन इस गांव के एक कोने में एक खंडहर खड़ा है, जिसे लोग अब “भूतिया घर” के नाम से जानते हैं। इस घर से जुड़ी एक ऐसी कहानी है, जो रोंगटे खड़े कर देती है।

बुजुर्ग दंपति और गांव का पलायन

यह कहानी एक बुजुर्ग दंपति की है जो चंपावत गांव में रहते थे। उनके कोई संतान नहीं थी, फिर भी वे अपनी ज़िंदगी को शांति से जी रहे थे और गांव वालों के साथ अच्छे रिश्ते रखते थे। समय बीतने के साथ गांव में पलायन शुरू हो गया और कई परिवार शहरों की ओर चले गए। लेकिन यह बुजुर्ग दंपति अपने घर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे।

गांव में अकेलापन और खंडहर का बनना

कुछ समय बाद, बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ने लगी और उनका निधन हो गया। इसके बाद उनका साथी, यानी बुजुर्ग आदमी, काफी अकेला हो गया। कुछ ही महीनों में उसने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मृत्यु के बाद, उनका घर धीरे-धीरे वीरान और खंडहर में तब्दील हो गया।

होटल बनाने का सपना और डरावनी घटनाएं

कुछ सालों बाद, गांव के कुछ लोगों ने इस घर को बेचने का निर्णय लिया। बाहरी लोग इस जगह पर होटल बनाने के लिए आए। उन्होंने वहां एक रात बिताने का निर्णय लिया, ताकि वे योजना पर विचार कर सकें। रात को वे कैंपिंग और पार्टी का आनंद लेने लगे। लेकिन रात 1 बजे के आसपास, उनमें से एक व्यक्ति की नींद खुली और उसने देखा कि घर के अंदर से धुआं निकल रहा है।

डर का सामना और भूतिया सच्चाई

वह व्यक्ति घर के अंदर गया और वहां उसे बुजुर्ग दंपति को खाना बनाते हुए देखा। यह देखकर उसकी आँखों का विश्वास उठ गया। उसने हैरान होकर पूछा, “आप यहां कैसे हैं? गांव वालों ने तो कहा था कि यह घर वर्षों से खाली है।”

बुजुर्ग व्यक्ति शांत स्वर में बोला, “यह हमारा घर है और हम इसे छोड़कर कहीं नहीं जा सकते।”

इस जवाब से वह व्यक्ति और भी चौंका। उसने कहा, “मैंने यह जगह खरीद ली है और यहां होटल बनाना है। आपको इसे छोड़कर जाना होगा।” फिर बुजुर्ग महिला ने एक थाली में खाना परोसते हुए उसे खाने को कहा, लेकिन उसने खाना खाने से इनकार कर दिया और पानी माँगा। बुजुर्ग व्यक्ति ने उसे पानी दिया, और वह व्यक्ति गुस्से में बाहर निकल आया।

अजीब घटनाओं का सामना

अगली सुबह, वह व्यक्ति और उसके साथी डर के मारे गांव लौटे। उन्होंने गांववालों से कहा कि उन्हें बताया नहीं गया कि वहां कोई लोग रहते हैं। गांववाले भी चौंके और बोले, “वह घर तो पिछले दस सालों से खाली है, वहां कोई नहीं रहता।” फिर एक ग्रामीण ने उस घर में रहने वाले बुजुर्ग दंपति की एक पुरानी तस्वीर दिखाई। वह व्यक्ति और उसके साथियों की आँखों में डर साफ दिखाई दिया।

गांववालों ने बताया कि यह बुजुर्ग दंपति कई साल पहले इस दुनिया से चले गए थे और उनके निधन के बाद घर वीरान हो गया था। यह सुनकर बाहरी लोग डर के मारे वहाँ से भाग गए।

सीख और अंतिम निर्णय

डर और अजीब घटनाओं के कारण, बाहरी लोग इस जमीन पर होटल बनाने के अपने फैसले को रद्द कर दिया। वे समझ गए कि यह जगह सिर्फ एक खंडहर नहीं थी, बल्कि उन बुजुर्गों की आत्माओं का घर था।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी भी स्थान का इतिहास और वहां की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। हर जगह की अपनी एक कहानी होती है, जो हमें सोचने पर मजबूर करती है।

Deepak Sundriyal

अपण पहाड़, अपण गाथा